कुरुलुस उस्मान खंड 109 बंगाली उपशीर्षक।

कुरुलुस उस्मान


एक रात शेख़ अदेबाली की दरगाह पर रहते हुए उन्होने जो सपना देखा, वह उसने अगले दिन शेख अदेबाली को बताया।  उन्होंने कहा, “मेरे शेख, मैंने एक ख्वाब देखा है  मेरी छाती पर एक चाँद दिखाई दिया । और वो बड़ रहा है और मेरी छाती पर उतर आया।  मेरी नाभि से एक पेड़ उग रहा है।  वह इतना बढ़ता है कि उसकी शाख कि  छाया से सारी दुनिया ढँक जाती है।  इस सपने का क्या मतलब है??

एक पल की चुप्पी के बाद अदेबाली ने समझाया:

“मुबारक हो उस्मान!  अल्लाह रब्बुल इज्जत ने आपको और आपकी औलादो को संप्रभुता प्रदान की है।  मेरी बेटी तुम्हारी बीवी होगी और सारी दुनिया तुम्हारे बच्चों की कियादत में होगी।

सल्तनत ए उस्मानिया का नाम उस्मान के नाम पर रखा गया था।  उस्मान एक अच्छे हाकिम के साथ-साथ एक अच्छे जंग्जू भी थे।  उसी समय, उस्मान के स्वभाव में इल्म और सहनशीलता शामिल थी।  उस्मान की उसके आस-पास के सभी लोग इज्जत करते थे क्योंकि उसने हाकिम के तौर में किसी पर कुछ भी नहीं थोपा था।  परिणामस्वरूप उनके अनुयायियों में कोई संघर्ष नहीं था, केवल सभी के बीच वफादारी थी।  उनके पैरवी करने वालो ने उनके साथ काम किया और शांति से उनकी बात मानी। इसी तरफ  छोटी रियासत में सामाजिक इत्तेहाद बनता है और रियासत कायम होती है ।  इसके अलावा, उस्मान ने अपनी सेना का गठन किया और विभिन्न अभियानों का संचालन स्वयं किया।  उस्मान ने खलीफा उस्मान की विचारधारा को मूर्त रूप दिया और खलीफा उस्मान की तरह इंसाफ को माल और ताकत से ऊपर रखा।  उसी समय, उनकी व्यक्तिगत संप्रभुता प्रशासन पर थी, इसलिए उस समय की बाकी रियासतों की तरह उस्मानिया के बीच कोई बदअमनी नही थी

उस्मान के पड़ोसी गाँवों और किलों के ज्यादातर हुक्मरान ईसाई थे और कभी दुश्मन थे लेकिन समय के साथ-साथ उनके साथ दोस्ती बढ़ी,,
और उन्होने इस्लाम कबूल कर लिया । उस्मानिया सल्तनत के भीतर सभी ईसाइयों को इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर नहीं किया गया था, लेकिन बड़ी तादाद में ईसाई अपनी पसंद से इस्लाम में परिवर्तित हो गए क्योंकि वो बाजनतीनी हुकुमत द्वारा सताए जा रहे थे
और कॉन्स्टेंटिनोपल में प्रशासन बिगड़ रहा था।  नतीजतन, व्यावहारिक ज्ञान के कारण, वे अनुशासित और भरोसेमंद उस्मान की ओर झुक गए।

इसने मुसलमानों के लिए मौके फरहांम किए और एशियाई यूनानियों ने नए विश्वास और नए शासन की ओर रुख किया। उस्मानी एक आदर्श समाज थे, जिसका उद्देश्य बीजान्टिन की तरह होना था, यानी सेल्जुक तुर्क के रूप में अपनी शक्ति को जमा करना अरब रियासत में शून्य को भरना था।

रियासत की सरहदे धीरे-धीरे बढ़ रही हैं

उस्मान को पड़ोसी रियासतों पर फतह हासिल करके अपनी रियासत की सरहदों का विस्तार करने की कोई जल्दी नहीं थी।  धीमा किरदार उस्मान तत्बीर के मुताबिक मौके का इंतजार कर रहा था।  उनका सिद्धांत बीजान्टिन क्षेत्र में रहना और सीखना और इस प्रकार काम करना था।  उस समय बीजान्टिन ने तीन शहरों पर शासन किया था।  दक्षिण में बुर्सा था, बीच में नाइसिया था, और उत्तर में निकोमेदिया था।  तीन स्थान उस्मान की राजधानी से केवल एक दिन के फासले पर थे,,, लेकिन उस्मान ने पहले हमला नहीं किया।

पड़ोसी इलाको के बेरोजगार सैनिकों को आसानी से भर्ती किया गया क्योंकि इन सैनिकों को कुस्तुंतुनिया से लंबे समय तक जुल्म का सामना करना पड़ा था।  14वीं सदी  में सत्ता में आने के 12 साल बाद, कोपरी हिसार उस्मान बाजनातीनी रियासत के साथ सीधे जंग में लगे रहे। उस्मानीयो ने निकोमेडिया में माले गनीमत जमा करना शुरु किया जब यूनानी सैनिक उन्हें रोकने के लिए आए और आसानी से हार गए।  एक आम इंसान के लिए शाही फौज के नुकसान ने बीजान्टिन शासकों के बीच चिंता पैदा कर दी और उन्होंने उस्मान की लोकप्रियता को बढ़ाता देख उस्मान के इलाको पर सोचना करना शुरू कर दिया।।

उसी समय, आस पास के विभिन्न इलाकों के जंग्जु उनके गिरोह में शामिल हो गए और फक्र से उस्मान के साथियों के रूप में अपनी पहचान बनाने लगे।  लेकिन उस्मान ने उत्साही निकोमीया पर हमला किए बिना एक और मौके का इंतजार किया।  सात साल बाद, जब उसने खुद को काफी मजबूत बना लिया, तो उसने निकोमिया के पीछे सर्काजा नदी पर हमला किया और पहली बार फातेह के रूप में बासपोरस में दाखिल हुए।  धीरे-धीरे, इससे पहले, उन्होंने काला सागर में विभिन्न बंदरगाहों और किलों पर कब्जा करना शुरू कर दिया और बर्सा और निकोमेदिया के बीच संचार प्रणाली को नुकसान पहुंचाया।

समुद्र के रास्ते दोनों शहरों के बीच संचार को बाधित करते हुए, उसने बर्सा पर जमीन से हमला किया और 1326 में उस पर कब्जा कर लिया और उस्मान की वफात पा गए।  उस्मानियो का पहला दारुल हुकूमत  बर्सा में बनाया गया और उस्मान को उनकी ख्वाहिश के मुताबिक बर्सा में दफनाया गया था।

Server 1

Server 2

सीरीज का आनंद ले और हम मजीद सीरीज आपके लिए लाते रहेंगे

ज्यादा  से ज्यादा शेयर करें ताकी हर कोई देख सके। 
और डोनेट करके आप हमारी मदद करें :- +918126791455 [Google pay. Phone pay. Paytm]

3 thoughts to “कुरुलुस उस्मान खंड 109 बंगाली उपशीर्षक।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *